Electric Vehicles Piyush Goyal: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार बनाएगी नया नियम, पीयूष गोयल ने दी बड़ी अपडेट

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Photo:FILE Electric Vehicles New Rule

Electric Vehicles Piyush Goyal: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार ड्रोन और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानकों को विकसित करने के लिए काम कर रही है। इससे दोयम दर्जे के उत्पादों के आयात पर रोक लगेगी और घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) विकसित करने पर भी काम किया जा रहा है। कृषि संबंधित कार्यों के लिए मानव-रहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन के लिए मानक विकसित किए जा चुके हैं और अब आम उपयोग के लिए यूएवी के मानक तैयार करने व सहयोगी उपकरणों की परीक्षण जरूरतों और साइबर सुरक्षा पर काम किया जा रहा है। ईवी के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक इंजन की विशिष्ट जरूरतों और विशिष्ट श्रेणी के वाहनों, इलेक्ट्रिक रिक्शा और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों की रिचार्जेबल विद्युत ऊर्जा भंडारण प्रणाली के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए मानक विकसित किए जा रहे हैं। 

पीयूष गोयल ने दी बड़ी अपडेट

गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि अब हम ड्रोन के मामले में मानकों पर काम कर रहे हैं। इसी तरह हम ईवी और इन्हें चार्ज करने वाले चार्जिंग ढांचे के लिए मानकों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी मानक संबंधित उद्योग के लोगों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद बनाए जा रहे हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि बैटरियों के लिए कई मानक विकसित किए जा चुके हैं और बैटरी अदला-बदली की सुविधा पर भी काम चल रहा है। तिवारी ने कहा कि उम्मीद है कि लगभग तीन महीनों में हम व्यवस्था विकसित कर लेंगे।” गोयल ने कहा कि उद्योग में कुछ विरोध होने के कारण इसमें कुछ समय लग रहा है। हम उद्योग जगत से सहयोग चाहते हैं।

कंपनियां कॉस्ट कटिंग पर कर रही फोकस

बोरज़ो इंडिया के कंट्री मार्केटिंग मैनेजर देवेश गंगाल से जब हमने पूछा कि उनकी कंपनी कॉस्ट कटिंग पर क्या काम कर रही है? उन्होंने कहा कि अभी पिछले महीने ही कंपनी को काफी लाभ हुआ चाहे वह इंडिया हो या विश्व स्तर पर। इसलिए अभी हमारा फोकस कॉस्ट- कटिंग से ज़्यादा एक्सपेंशन की और है क्योकि इस साल हमारा पूरा धयान इवि और हाइपर लोकल डिलीवरी पर ही रहेगा। अब जैसे कुछ लोग हमसे पूछते है की आप IPL और ब्रांडिंग पर पैसे क्यों नहीं लगाते? तो उसके जवाब में हम उन्हें बताते है की हमारे कॉम्पिटिटर्स ने 100 करोड़ ब्रांडिंग पर लगाए, जिसकी वजह से अब उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।

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