..तो इनकी वजह से फरवरी में डूबा आपका पैसा? ये हैं शेयर बाजार के सबसे बड़े खलनायक

 ये हैं शेयर बाजार के...- India TV Paisa

Photo:STOCK MARKET ये हैं शेयर बाजार के सबसे बड़े खलनायक

भारतीय शेयर बाजार में फरवरी का महीना किसी बड़े तूफान से कम नहीं रहा है। बाजार के दिग्गज अडानी समूह का शेयर इस महीने औंधे मुंह गिरा है। लेकिन बाजार के सबसे बड़े खलनायक तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) बन कर सामने आए हैं। शेयर बाजार की रीढ़ कहे जाने वाले एफपीआई ने फरवरी में बंपर बिकवाली की है और शेयर बाजार से 9600 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। बता दें कि शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली पिछले साल की शुरुआत से जारी है। हालांकि नवंबर में इसमें कुछ सुधार दिखाई दिया लेकिन इसके बाद से विदेशी निवेशकों का प्रवाह जारी है। 

शेयर बाजार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय इक्विटी बाजार के ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए विदेशी निवेशक इस महीने अब तक 9,672 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर चुके हैं। जनवरी में भी एफपीआई ने 28,852 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह पिछले सात महीनों में सबसे अधिक निकासी थी। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने दिसंबर 2022 में 11,119 करोड़ रुपये और नवंबर में 36,238 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश भारतीय बाजार में किया था। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ 

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला जारी रखने से आगे भी एफपीआई का पूंजी प्रवाह अस्थिर ही रहने की आशंका है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सह निदेशक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, मुझे लगता है कि पूंजी निकासी की यह प्रवृत्ति तब तक जारी रहेगी जब तक अडाणी मुद्दे पर अधिक स्पष्टता नहीं आती है, बाजार में अधिक स्थिरता आती है और एफपीआई को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के अधिक ठोस संकेत नजर आते हैं। 

भारत से निकलकर ताइवान और जापान जा रहे निवेशक

भारतीय बाजारों का तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्यांकन होना भी विदेशी पूंजी की इस निकासी का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों से निकाली गई पूंजी को ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे बाजारों में लगाया जा रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि चीन में सख्त लॉकडाउन हटाने के बाद से एक बार फिर विदेशी निवेशकों का ध्यान उधर गया है। कठोर लॉकडाउन लगाए जाने से चीनी बाजारों में तेजी से गिरावट आई थी जिससे वे मूल्य के लिहाज से अधिक आकर्षक हो गए हैं। 

किन शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी निवेशक वाहन एवं कलपुर्जा, निर्माण और धातु एवं खनन क्षेत्र के शेयरों में लिवाली कर रहे हैं जबकि वित्तीय सेवाओं में वे लगातार बिकवाली कर रहे हैं। वहीं आईटी शेयर भी उन्हें आकर्षित कर रहे हैं। दूसरी ओर, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में भारतीय ऋण बाजारों में 2,154 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस महीने अब तक उभरते बाजारों में एफपीआई का प्रवाह मिलाजुला रहा है। भारत, थाईलैंड और फिलीपींस से विदेशी पूंजी की निकासी हुई जबकि दक्षिण कोरिया, ताइवान और इंडोनेशिया ने विदेशी निवेश आकर्षित किया।

Latest Business News


Source link

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

AD

 


Ad