Dnpa Conference 2023:डिजिटल की दुनिया में भारत होगा सबसे आगे, कई चुनौतियां हैं जिनसे लड़कर जीतना भी होगा

 Australia former communication minister Paul fletcher

Australia former communication minister Paul fletcher
- फोटो : Amar Ujala

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आने वाले दिनों में भारत डिजिटल की दुनिया में सबसे आगे होगा। अगले दस सालों में डिजिटल क्षेत्र में बहुत कुछ बदला हुआ मिलेगा। इस दौरान कई अहम पहलुओं पर हमें न सिर्फ नजर रखनी होगी, बल्कि डिजिटल व्यवसाय के लिए और कंटेंट के लिहाज से बहुत जागरूक भी रहना होगा। जैसे ऑस्ट्रेलिया ने अपने डिजिटल अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और सफलता मिली। उसी तरह अपने अधिकारों की लड़ाई भी लड़नी होगी। यह कहना है ऑस्ट्रेलिया के सांसद और पूर्व संचार मंत्री पॉल फ्लेचर का। फ्लेचर ने ऑस्ट्रेलिया में न्यूज मीडिया बार्गेनिंग कोड कानून लाकर डिजिटल युग में बड़ा बदलाव किया है। शुक्रवार को फ्लेचर डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में आ रही नई तकनीकों, नियामक और नीतिगत चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के सम्मेलन में मौजूद थे। इस दौरान देश और दुनिया के तमाम एक्सपर्ट्स इस सम्मेलन में मौजूद थे। कई विशेषज्ञों ने पैनल डिस्कशन के माध्यम डिजिटल मीडिया की चुनौतियां और संभावनाओं पर भी चर्चा की।

इस दौरान एक्सचेंज फॉर मीडिया और डीएनपीए डिजिटल इंपैक्ट अवॉर्ड्स 2023 भी अलग अलग क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को दिया गया। कार्यक्रम का समापन कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने किया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा मौजूद रहे।

फ्लेचर ने लड़ी डिजिटल मीडिया के अधिकारों की लड़ाई

इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के सांसद और पूर्व संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने कोड विकसित करने के अपने अनुभव, भारत की डिजिटल क्रांति और बड़ी टेक कंपनियों को लेकर डीएनपीए की भूमिका के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस तरह से ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने डिजिटल मीडिया के अधिकारों को लड़ाई लड़ी। वह कहते हैं कि उन्होंने डिजिटल मीडिया के अधिकारों के लिए गूगल और फेसबुक न्यूज मीडिया पब्लिशर्स के साथ व्यावसायिक डील पर बातचीत की। वह कहते हैं तमाम जद्दोहद के बाद ऑस्ट्रेलिया में न्यूज मीडिया पब्लिशर्स आज गूगल से लगभग 20 गुना और मेटा से 13 गुना कारोबार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल मीडिया का सबसे ज्यादा स्कोप भी है और आने वाले दिनों में उसकी सबसे बड़ी पहुंच होगी। इसके पीछे तर्क देते हुए कहते हैं कि भारत सरकार ने जिस तरीके से डिजिटली अपनाया है और देश के लोगों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है, वह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। वह कहते हैं कि बीते कुछ सालों की ही बात अगर आप बात लें, तो पता चलेगा कि देश में डिजिटलाइजेशन खासकर बैंकिंग डिजिटलाइजेशन न के बराबर था। लेकिन अब हालात कितनी तेजी से बदले हैं। वह कहते हैं कि यह एक बहुत बड़ा उदाहरण है देश में हो रहे डिजिटलाइजेशन का।

फ्रांस में डिजिटल मीडिया के अधिकारों के लिए कंसल्टेशन करने वाले पियरे पी से लोकमत डिजिटल के प्रेसिडेंट हेमंत जैन ने डिजिटल मीडिया पर चर्चा की। पियरे ने कहा कि गूगल के साथ निश्चित मोलभाव करना होता है। उनके देश में जो न्यू कॉपीराइट के दिशा निर्देश बने हैं, वे बहुत कारगर हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस में डिजिटल मीडिया की सफलता को DNPA के साझा करेंगे। वह कहते हैं कि किसी भी डिजिटल बिजनेस को अपने हक में करने के लिए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी कानून संबंधित नियम बहुत जरूरी है। पिछले कुछ सालों से पूरी दुनिया में हुए डिजिटल के बदलावों और चर्चाओं के बीच ऐसे सुझाव और सीख मिली।

राज्य मंत्री बोले- फेक न्यूज रोकना जिम्मेदारी

कार्यक्रम के समापन पर ऑनलाइन बोलते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल मीडिया का दायरा बहुत बड़ा है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सबसे पहले सूचनाएं इसी प्लेटफार्म से पहुंचती हैं। इसलिए हमारी जिम्मेदारी भी ज्यादा है कि हमें फेक न्यूज़ को भी रोकना है। उन्होंने कहा कि इस फील्ड में मोनेटाइजेशन का मुद्दा है। इसको दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के मंत्री फ्लेचर ने जो यहां कहा है वह भी उससे वास्ता रखते हैं। कार्यक्रम के आयोजकों से मुकातिब होते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि वह उनके हक के लिए हमेशा साथ खड़े हैं। उनका कहना है कि डिजिटल इंडिया के इस दौर में डीएनपीए का बहुत योगदान है और आगे भी मिलता रहेगा।


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