Covid Xbb.1.5 Variant:भारत में संक्रमितों की संख्या बढ़ी, विशेषज्ञ से जानिए- कितना खतरनाक है ये नया वैरिएंट?



 वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमण का जोखिम बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। चीन में जहां ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट के कारण हालात बदतर हैं, वहीं हाल ही में अमेरिका में कोरोना के नए XBB.1.5 वैरिएंट की पुष्टि की गई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह नया वैरिएंट गंभीर रोग के जोखिमों को भी बढ़ाने वाला हो सकता है, अमेरिका में हाल ही में इस वैरिएंट के कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ती हुई देखी गई है।

भारत के संदर्भ में बात करें तो यहां कोरोना के इस वैरिएंट के कारण अब तक कुल सात लोगों को संक्रमित पाया गया है। क्या भारत में भी इसके कारण स्थिति बिगड़ सकती है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम ने कोरोना के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट करते हुए गंभीरता से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालन करते रहने की अपील की है। डॉक्टर्स का कहना है कि जिस तरह से XBB.1.5 वैरिएंट के कारण कुछ देशों में स्थिति बिगड़ी है, इससे सीख लेते हुए हमें पहले से ही सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना के नए वैरिएंट्स में देखे जा रहे म्यूटेशन कई प्रकार के जोखिमों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।

आइए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

भारत के लिए कितना खतरा

कोरोना के नए XBB.1.5 वैरिएंट से क्या भारत में भी हालात बिगड़ने की आशंका है? इस सवाल के जवाब में कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे नोएडा में आपातकालीन चिकित्सा विभाग के डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव कहते हैं-

नए वैरिएंट की प्रकृति चिंताजनक है और जिस तरह से अमेरिका सहित कुछ देशों से जानकारियां मिल रही हैं, वह और डराती हैं। पर भारत में फिलहाल इससे ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यहां XBB.1.5 वैरिएंट से जरूर कुछ लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है, पर सरकार संक्रमण की रोकथाम को लेकर काफी अलर्ट है। हां, व्यक्तिगत तौर पर सुरक्षा में की गई लापरवाही जोखिमों को बढ़ाने वाली जरूर हो सकती है।

वैक्सीनेशन बनाती हैं हमें और सुरक्षित

डॉक्टर श्रेय  कहते हैं, देश की 90% आबादी को टीके की प्राथमिक दो खुराक और 30-40 फीसदी लोगों को बूस्टर खुराक मिल चुकी है। टीकाकरण की दर हमें अन्य देशों की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाती है। जिन देशों में कोरोना के कारण हालात बिगड़े हैं वहां टीकाकरण की दर कम होना एक समस्या रही है। इस लिहाजे से भारत के लिए अधिक सुरक्षित हैं।

पर इन वैरिएंट्स की प्रतिरक्षा को चकमा देकर संक्रमण फैलाने की क्षमता भी देखी जा रही है, जो डराती है। इस जोखिम से सुरक्षित रहने के लिए बचाव के उपाय जैसे मास्क, हाथों की स्वच्छता और सोशल-डिस्टेंसिंग बहुत आवश्यक है।

भारत में कोरोना की स्थिति

आंकड़ों से पता चलता है कि फिलहाल भारत में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रित है। पिछले 24 घंटे में यहां संक्रमितों के 214 नए मामलों की पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि देश में XBB.1.5 वैरिएंट से फिलहाल सात लोग संक्रमित हैं, इसके अलावा कुछ मामले BF.7 और XBB वैरिएंट के देखे जा रहे हैं।

कोरोना के बढ़ते वैश्विक जोखिम को देखते हुए भारत सरकार ने बचाव के उपाय और जांच को बढ़ा दिया है। लोगों को संक्रमण से अधिक सुरक्षित करने के लिए बूस्टर डोज की दर भी बढ़ाई गई है।

XBB.1.5 वैरिएंट के बारे में जानिए

 

XBB.1.5 वैरिएंट कोरोना के ओमिक्रॉन फैमिली का ही एक नया सदस्य है जिसकी प्रकृति के बारे में जानना जरूरी है।

  • XBB.1.5 वैरिएंट, भारत में पहले से ही देखे गए XBB का ही म्यूटेटेड रूप है।
  • प्रारंभिक अध्ययनों के मुताबिक XBB.1.5 की संक्रामकता दर काफी अधिक है। कुछ स्थितियों में इसके कारण गंभीर रोग के मामले भी देखे जा रहे हैं।
  • पेकिंग विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक यूनलॉन्ग रिचर्ड काओ के मुताबिक यह वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने में सफल हो सकता है, ऐसे में नए वैरिएंट को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
  • XBB.1.5 वैरिएंट की बाइंडिंग क्षमता इसे लोगों को अधिक आसानी से संक्रमित करने में मदद रही है।
  • XBB.1.5, अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देकर वैक्सीनेटेड लोगों में भी संक्रमण का कारण बन सकता है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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