
अमर उजाला-ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी ज्योतिष महाकुंभ के आखिरी दिन आयोजित टॉक शो में देशभर से आए ज्योतिषियों ने ‘विवाह और तलाक : कारण व निवारण’ विषय पर ज्योतिषियों ने अपनी बात रखी। कुंडली, हस्तरेखा, अंक विज्ञान, पदरेखा, रत्न विशेषज्ञ, टैरो कार्ड समेत अन्य विधाओं के विद्वानों ने विवाह टूटने और सुखी दांपत्य जीवन के लिए लोगों की जिज्ञासाओं को दूर किया। ज्योतिषियों का कहना है कि कुंडली में गुण से ज्यादा ग्रहों का मिलान करना चाहिए...
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सबसे ज्यादा प्रभाव चंद्रमा का : पं. जयगोविंद शास्त्री
ज्योतिषाचार्य पंडित जयगोविंद शास्त्री का कहना है कि विवाह के लिए कुंडली मिलान में खासतौर पर गुणों को महत्व दिया जाता है। लेकिन, गुण कितने मिलते हैं इस पर कभी नहीं जाना चाहिए। गुण से ज्यादा ग्रहों का महत्व होता है। ज्योतिष दृष्टि से मंगल और शनि को खराब मानते हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा प्रभाव चंद्रमा का रहता है। इसके प्रभाव से मतभेद होते हैं। चंद्रमा के साथ पाक ग्रह लगते हैं तो द्वेष होता है। शादी के लिए कुंडली में नाड़ी दोष, भकुट दोष और गृह मैत्री को विशेष रूप से देखा जाना चाहिए। नाड़ी दोष से स्वास्थ्य का पता चलता है। स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो वैवाहिक जीवन में समस्या आती है। इसी तरह भकुट दोष से संतान की प्राप्ति नहीं होती है। यह विवाह टूटने का एक प्रमुख कारण है। ग्रह मैत्री से गुस्सा, जिद से तलाक हो जाता है। इसलिए कुंडली मिलान में तीनों गुणों को आवश्यक देखना चाहिए।
हस्त और शीर्ष रेखा में लगता है सुखी जीवन का पता : पुरोहित
आचार्य एनके पुरोहित ने कहा कि जन्म कुंडली और हाथ की रेखाएं ईश्वर की बनाई हुई हैं। हस्त रेखा और शीर्ष रेखा से भी उत्तम व खुशी वैवाहिक जीवन का पता लग जाता है। शीर्ष और हस्त रेखा में जितने वायस कम होंगे उतना ही वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
शादी टूटने की एक वजह ये भी : आचार्य राजेश
आचार्य राजेश महाराज ने कहा कि कुंडली में सत्यमें भाव में आवेश पर शुक्र, मंगल, राहु का प्रभाव पड़ता है तो शादी टूट जाती है। जब शादी के लिए कुंडली मिलाते हैं तो खास तौर पर 22वें व 64वें नवांश पर नक्षत्रों के प्रभाव को विशेष रूप से देखा जाना चाहिए।
गुण मिलते हैं फिर भी टूट जाती है शादी : कविता
ज्योतिषी कविता चैतन्य का कहना है कि कुंडली में लड़के और लड़की के 28 गुण मिलते हैं। बावजूद इसके शादी टूट जाती है। दोनों की कुंडली में अष्टमेश एक नक्षत्र में हो तो गुण भी साथ नहीं देता है। जन्म की दशा में सप्तमेश, अष्टमेश का एक-दूसरे के कुंडली में संबंध देखना जरूरी है।
गुण-दोष के साथ मन का मिलना भी जरूरी : पं. अजय भांबी
जीवनसाथी केे चयन में अमीर लड़का या सुंदर लड़की के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। दो युवक-युवती दंपती बनना चाहते हैं। उनका मन कितना मिलता है, यह सबसे जरूरी है। ज्योतिष की दुनिया में भी कुंडली के गुण-दोष की परंपराओं के साथ अब 21वीं सदी में विवाह संबंधों को नए दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है।
पंडित अजय भांबी ने कहा कि बेटी पैदा होने के साथ ही हम उसकी मानसिकता तैयार करना शुरू कर देते हैं। उसे बड़ा होकर दूसरे घर जाना है। जब वह विदा होती है तो उसे अहसास कराया जाता है कि दूसरे घर में मृत्यु तक रहना है। अब जमाना बदल गया है। इन परंपरागत बातों को भी बदलने की जरूरत है। जीवनसाथी की तलाश में मन पर जोर देना है। गुण सूत्र अगर कम भी मिलते हैं तो कोई बात नहीं, मन का मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर पुरुष और महिला का शनि मिलता है तो वह हर बात में साथ खड़े रहेंगे। अगर दोनों के मंगल में कनेक्टिविटी है तो परिवार में नया बदलाव देखने को मिलेगा।
मैंने प्रेम विवाह किया और केवल तीन गुण मिलते थे
पंडित अजय भांबी ने कहा कि उन्होंने प्रेम विवाह किया था। उनके केवल तीन गुण मिलते थे। लेकिन, मन यानी दूसरे सूत्र मिलते थे। सूर्य से सूर्य की मैत्री यानी आत्मा की मैत्री होती है। उन्होंने कहा कि इसी तरह मन मिलना चाहिए।
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अमर उजाला-ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी ज्योतिष महाकुंभ के आखिरी दिन आयोजित टॉक शो में देशभर से आए ज्योतिषियों ने ‘विवाह और तलाक : कारण व निवारण’ विषय पर ज्योतिषियों ने अपनी बात रखी। कुंडली, हस्तरेखा, अंक विज्ञान, पदरेखा, रत्न विशेषज्ञ, टैरो कार्ड समेत अन्य विधाओं के विद्वानों ने विवाह टूटने और सुखी दांपत्य जीवन के लिए लोगों की जिज्ञासाओं को दूर किया। ज्योतिषियों का कहना है कि कुंडली में गुण से ज्यादा ग्रहों का मिलान करना चाहिए...
सबसे ज्यादा प्रभाव चंद्रमा का : पं. जयगोविंद शास्त्री
ज्योतिषाचार्य पंडित जयगोविंद शास्त्री का कहना है कि विवाह के लिए कुंडली मिलान में खासतौर पर गुणों को महत्व दिया जाता है। लेकिन, गुण कितने मिलते हैं इस पर कभी नहीं जाना चाहिए। गुण से ज्यादा ग्रहों का महत्व होता है। ज्योतिष दृष्टि से मंगल और शनि को खराब मानते हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा प्रभाव चंद्रमा का रहता है। इसके प्रभाव से मतभेद होते हैं। चंद्रमा के साथ पाक ग्रह लगते हैं तो द्वेष होता है। शादी के लिए कुंडली में नाड़ी दोष, भकुट दोष और गृह मैत्री को विशेष रूप से देखा जाना चाहिए। नाड़ी दोष से स्वास्थ्य का पता चलता है। स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो वैवाहिक जीवन में समस्या आती है। इसी तरह भकुट दोष से संतान की प्राप्ति नहीं होती है। यह विवाह टूटने का एक प्रमुख कारण है। ग्रह मैत्री से गुस्सा, जिद से तलाक हो जाता है। इसलिए कुंडली मिलान में तीनों गुणों को आवश्यक देखना चाहिए।
हस्त और शीर्ष रेखा में लगता है सुखी जीवन का पता : पुरोहित
आचार्य एनके पुरोहित ने कहा कि जन्म कुंडली और हाथ की रेखाएं ईश्वर की बनाई हुई हैं। हस्त रेखा और शीर्ष रेखा से भी उत्तम व खुशी वैवाहिक जीवन का पता लग जाता है। शीर्ष और हस्त रेखा में जितने वायस कम होंगे उतना ही वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
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