Project Cheetah: कूनो में चीतों के लिए सामने आया नया खतरा, बाड़े के पास टहलता मिला तेंदुआ

 कूनो में तेंदुआ

कूनो में तेंदुआ
- फोटो : Social Media

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श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में आठ चीते हैं। दो बड़े बाड़े में हैं, जबकि छह अब भी क्वारंटाइन बाड़ों में है। इन्हें कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तेंदुओं से खतरा है। अब यह खतरा उनके बाड़े के करीब टहल रहा है। वन विभाग के अधिकारियों को चीतों के बाड़े के पास तेंदुआ टहलते नजर आया है। उन्होंने इसका वीडियो बनाया। तेंदुआ भी करीब 10-15 मिनट तक उनके वाहन के आगे-आगे बेखौफ चलता रहा। 

चीतों के नए घर यानी कूनो पालपुर राष्ट्रीय अभयारण्य में पर्यटकों को भले ही चीतों का दीदार नहीं हो पा रहा हो, तेंदुओं समेत अन्य वन्यजीव अक्सर दिख जाते हैं। इन्हें देखकर पर्यटक खुश हैं। शनिवार शाम वन विभाग के अधिकारियों की गाड़ी के सामने एक तेंदुआ आ गया। यह तेंदुआ करीब दस से पंद्रह मिनट तक बेखौफ धीमे-धीमे कदमों से गाड़ी के आगे कच्चे रास्ते पर चलता रहा। वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की इस साइटिंग को अपने कैमरों में कैद किया। हालांकि, इस तेंदुए की मौजूदगी ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है। तेंदुआ चीतों के बाड़ों के पास में मिला है। यह चीतों के लिए भी खतरा हो सकता है।  

150 से अधिक तेंदुएं हैं कूनो पार्क में 
कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में 150 से अधिक तेंदुएं हैं। यह आए दिन अलग-अलग इलाकों में पर्यटकों को नजर आ जाते हैं। जिन बड़े बाड़ों में चीतों को छोड़ा जाना है, वहां भी कई तेंदुएं थे। वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें वहां से निकाला, तब जाकर चीतों की शिफ्टिंग हो सकी थी। ऐसे में तेंदुएं का चीतों के बाड़े के पास में मंडराना चिंता का विषय बन गया है।  

क्यों खतरा है तेंदुओं से चीतों को 
दरअसल, चीते अफ्रीका के जिन जंगलों से लाए गए हैं, वहां तेंदुओं की बहुतायत है। वे सह-जीवन के लिए अभ्यस्त हैं। पर यहां के तेंदुओं के साथ ऐसा नहीं है। वह चीतों पर हमला कर सकते हैं और उन्हें मार सकते हैं। इस वजह से तेंदुओं से चीतों को खतरा बताया जा रहा था। नामीबिया से आए एक्सपर्ट्स भी कह चुके हैं कि समय के साथ चीजें सुधरेंगी और तेंदुएं भी चीतों को स्वीकार कर लेंगे। हालांकि, चीतों के बच्चों को तेंदुओं से ज्यादा खतरा बताया जाता है। 

विस्तार

श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में आठ चीते हैं। दो बड़े बाड़े में हैं, जबकि छह अब भी क्वारंटाइन बाड़ों में है। इन्हें कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तेंदुओं से खतरा है। अब यह खतरा उनके बाड़े के करीब टहल रहा है। वन विभाग के अधिकारियों को चीतों के बाड़े के पास तेंदुआ टहलते नजर आया है। उन्होंने इसका वीडियो बनाया। तेंदुआ भी करीब 10-15 मिनट तक उनके वाहन के आगे-आगे बेखौफ चलता रहा।

चीतों के नए घर यानी कूनो पालपुर राष्ट्रीय अभयारण्य में पर्यटकों को भले ही चीतों का दीदार नहीं हो पा रहा हो, तेंदुओं समेत अन्य वन्यजीव अक्सर दिख जाते हैं। इन्हें देखकर पर्यटक खुश हैं। शनिवार शाम वन विभाग के अधिकारियों की गाड़ी के सामने एक तेंदुआ आ गया। यह तेंदुआ करीब दस से पंद्रह मिनट तक बेखौफ धीमे-धीमे कदमों से गाड़ी के आगे कच्चे रास्ते पर चलता रहा। वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की इस साइटिंग को अपने कैमरों में कैद किया। हालांकि, इस तेंदुए की मौजूदगी ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है। तेंदुआ चीतों के बाड़ों के पास में मिला है। यह चीतों के लिए भी खतरा हो सकता है।

150 से अधिक तेंदुएं हैं कूनो पार्क में 

कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में 150 से अधिक तेंदुएं हैं। यह आए दिन अलग-अलग इलाकों में पर्यटकों को नजर आ जाते हैं। जिन बड़े बाड़ों में चीतों को छोड़ा जाना है, वहां भी कई तेंदुएं थे। वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें वहां से निकाला, तब जाकर चीतों की शिफ्टिंग हो सकी थी। ऐसे में तेंदुएं का चीतों के बाड़े के पास में मंडराना चिंता का विषय बन गया है।


क्यों खतरा है तेंदुओं से चीतों को 

दरअसल, चीते अफ्रीका के जिन जंगलों से लाए गए हैं, वहां तेंदुओं की बहुतायत है। वे सह-जीवन के लिए अभ्यस्त हैं। पर यहां के तेंदुओं के साथ ऐसा नहीं है। वह चीतों पर हमला कर सकते हैं और उन्हें मार सकते हैं। इस वजह से तेंदुओं से चीतों को खतरा बताया जा रहा था। नामीबिया से आए एक्सपर्ट्स भी कह चुके हैं कि समय के साथ चीजें सुधरेंगी और तेंदुएं भी चीतों को स्वीकार कर लेंगे। हालांकि, चीतों के बच्चों को तेंदुओं से ज्यादा खतरा बताया जाता है। 



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