त्योहारी सीजन में RBI दे सकता है बड़ा झटका, महंगाई बढ़ने के बाद Repo Rate में इतनी फीसदी बढ़ोतरी की आशंका RBI give blow in the festive season there is a possibility of such a percentage increase in the r

 RBI- India TV Hindi News

Photo:PTI (FILE PHOTO) RBI

Highlights

  • एक बार फिर खुदरा महंगाई अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी
  • महंगाई लगातार 35 महीनों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर
  • इस साल मई से रेपो दर में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है RBI

त्योहारी सीजन में RBI एक बार फिर झटका दे सकता है। अर्थशास्त्रियों का मनना है कि महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सितंबर की मौद्रिक पॉलिसी में एक बार फिर से रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है। सितंबर में आरबीआई की मौद्रिक समिति की बैठक 28 सिंतबर से 30 सितंबर के बीच है। दरअसल, एक बार फिर खुदरा महंगाई अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी, जबकि जुलाई के महीने में यह 6.71 प्रतिशत थी। खाद्य तथा ईंधन के दाम में तेजी आने से महंगाई में बढ़ोतरी हुई है। यह आरबीआई के लक्ष्य से अधिक है। गौरतलब है कि महंगाई लगातार 35 महीनों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के मध्यम अवधि के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। लगातार आठ महीनों के लिए केंद्रीय बैंक की 2 से 6 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर है।

महंगाई छह महीने से लक्ष्य से ऊपर

भारत में महंगाई लगातार 8 महीने से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इस साल अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत रही। केंद्रीय बैंक इस साल मई से रेपो दर में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है। महंगाई लगातार रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है जिसके मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में तीन बार में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। ऐसे में एक और बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।

Home-Car Loan लेने वालों को एक और झटका

त्योहारी सीजन में घर, कार या लोन लेकर कंज्यूमर ड्यूरेबल के दूसरे सामान खरीदने वालों को एक और झटका लग सकता है। दरअसल, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर कर सकता है। महंगाई लगातार रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है जिसके मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में तीन बार में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। ऐसा करने से तमाम बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे जिससे सभी तरह के लोन लेना महंगा हो जाएगा। पहले से लोन लिए लोगों पर बढ़ी ब्याज दर का बोझ बढ़ेगा। उनकी EMI में बढ़ोतरी होगी।

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